प्रबन्धक की कलम से..............
विद्यालय विद्या का वह मन्दिर होता है जहाँ विद्या की अधिष्ठात्री माँ सरस्वती के उपासक विद्यार्थी ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते हैं। विद्यालय वह पवित्र स्थान है जहाँ अबोध बच्चों को अनुशासन, सच्चरित्रता एवं सभ्य नागरिक बनने की शिक्षा दी जाती है।
हमारा उछेश्य है कि शिक्षा के माध्यम से ऐसे चरित्रवान, प्रतिभाशाली, परिश्रमी, कर्तव्यपरायण एवं राष्ट्रभक्त युवाओं का निर्माण हो जो भारतीय संस्कृति के उपासक एवं रक्षक बनकर राष्ट्रीय सेवा में अपना अमूल्य योगदान प्रदान कर सकें। हमारा विश्वास है कि इस भौतिकतावादी एवं नैतिकावादी युग में हमारे विद्यार्थी प्रत्येक चुनौती को स्वीकार करते हुए जीवन के अन्तिम लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे, तथा चैक के चंद्रमा की भाँति प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसर होते रहेंगे।
विद्यालय के अतीत एवं वर्तमान को प्रदर्शित करने के लिए विद्यालय की पत्रिका का विशेष योगदान होता है जो राष्ट्र के कर्णधारों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें सकारात्मक दिशा एवं बल प्रदान करती है, इसी क्रम में वार्षिक पत्रिका का यह 33 वाँ अंक इस विद्यालय की प्रगति को प्रस्तुत करने के क्षेत्र में एक सार्थक कदम है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि ‘‘मन्दाकिनी’’ पूर्व की भांति इस वर्ष भी विद्यार्थियों के नैतिक, बौद्धिक, सामाजिक, उत्थान एवं कर्तव्यपरायणता जैसे गुणों को विकसित करने में सहायक सिद्ध होगी।
‘‘मन्दाकिनी’’ के इस अंक को प्रकाशित करने के लिए उद्दत, प्रयत्नशील, प्रतिभावान प्रधानाचार्य एवं सम्पादक मण्डल को मैं हार्दिक बधाई देता हूँ जिनके सफल एवं सार्थक प्रयासों से ‘‘मन्दाकिनी’’ का यह अंक प्रकाशित किया जा रहा है। इस अंक के प्रकाशन के अवसर पर समस्त सदस्यों एवं विद्यार्थियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ। साथ ही हार्दिक बधाई विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सी0पी0 अग्रवाल जी को कि उन्होंने राज्य पुरस्कार 2018 एवं राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 प्राप्त कर विद्यालय को गौरवान्वित किया है। इनके अथक प्रयासों से संस्था में स्मार्ट क्लास शिक्षण व खगोलीयशाला, आधुनिक भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला एवं अत्याधुनिक पुस्ताकालय जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराकर गुणवत्तापरक शिक्षा का बिगुल बजाया है।
सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल
(एडवोकेट), प्रबन्धक